Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी, कहा- यह RSS और BJP का इवेंटRam Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी, कहा- यह RSS और BJP का इवेंट

Ram Mandir। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेता के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस नेता सोनिया गांधी शामिल नहीं होंगी। कांग्रेस ने इस समारोह को भाजपा और आरएसएस का इवेंट बताया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से कई विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा गया था। इससे पहले सीपीएम और शिवसेना (यूबीटी) पार्टी पहले ही इस समारोह से किनारा कर चुके हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। Ram Mandir। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेता के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी शामिल नहीं होंगी। कांग्रेस नेता और लोकसभा प्रतिपक्ष नेता अधीर रंजन चौधरी भी इस समारोह में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि कांग्रेस ने इस समारोह को भाजपा और आरएसएस का इवेंट बताया है।

बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से कई विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा गया था। इससे पहले सीपीएम और शिवसेना (यूबीटी) पार्टी पहले ही इस समारोह से किनारा कर चुके हैं।

श्री राम मंदिर ट्रस्ट

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra), भारत सरकार (Indian Government) ने फरवरी 2020 में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए स्थापित एक ट्रस्ट ह. इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं. एम सिद्दीक (D) थ्र एलआरएस बनाम महंत सुरेश दास और अन्य मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार बनाया गया था. अदालत ने केंद्र सरकार को फैसले के तीन महीने के भीतर मंदिर के निर्माण की देखरेख और प्रबंधन के लिए एक ट्रस्ट का गठन करने का निर्देश दिया. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 5 फरवरी 2020 को लोकसभा में ट्रस्ट के गठन की घोषणा की (Foundation of Ram Temple Trust).

राम मंदिर ट्रस्ट

राम मंदिर ट्रस्ट

श्री राम मंदिर ट्रस्ट

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra), भारत सरकार (Indian Government) ने फरवरी 2020 में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए स्थापित एक ट्रस्ट ह. इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं. एम सिद्दीक (D) थ्र एलआरएस बनाम महंत सुरेश दास और अन्य मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार बनाया गया था. अदालत ने केंद्र सरकार को फैसले के तीन महीने के भीतर मंदिर के निर्माण की देखरेख और प्रबंधन के लिए एक ट्रस्ट का गठन करने का निर्देश दिया. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 5 फरवरी 2020 को लोकसभा में ट्रस्ट के गठन की घोषणा की (Foundation of Ram Temple Trust).

केंद्र सरकार ने ट्रस्ट के 15 में से 12 सदस्यों को मनोनीत किया. अयोध्या मामले में श्री राम लला विराजमान का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व अटॉर्नी जनरल केशव परासरन को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया. 19 फरवरी 2020 को ट्रस्ट ने अपने बाकी सदस्यों को नामित किया और महंत नृत्यगोपाल दास को अध्यक्ष चुना ( Chairman of Ram Temple Trust).

वरिष्ठ न्यासियों ने 1992 में सीबी सोमपुरा के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे ताकि वास्तुकला डिजाइन सेवाओं को अतिरिक्त प्रावधानों के साथ फिर से मान्य किया जा सके. नवंबर 2020 में, ट्रस्ट ने लार्सन एंड टुब्रो को डिजाइन और निर्माण ठेकेदार और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स को मंदिर के निर्माण के लिए परियोजना प्रबंधक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया. फरवरी 2020 में, 67 एकड़ के मंदिर परिसर के विकास के लिए टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स और डिजाइन एसोसिएट्स इंक. के साथ और अनुबंध किए गए हैं (Ram Temple Trust Design).

ट्रस्ट में 15 सदस्य हैं (Total Member of Ram Temple Trust), जिनमें से 9 स्थायी हैं और 6 मनोनीत सदस्य हैं. स्थायी सदस्यों में के. परासरन, भारत भर के विभिन्न मंदिरों के चार धार्मिक नेता, निर्मोही अखाड़े के प्रतिनिधि, अयोध्या जिले के दो प्रमुख नागरिक और एक दलित प्रतिनिधि हैं (Permanent Member of Ram Temple Trust).

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